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इक्यावन बाल कहानियाँ

प्रकाश मनु

प्रकाशक : आत्माराम एण्ड सन्स प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :280
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 7619
आईएसबीएन :81-7043-533-1

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बच्चों के चहेते कथाकार प्रकाश मनु की रोचक एवं मनभावन बाल कहानियाँ...

Ekyavan Baal Kahaniyan - A Hindi Book - by Prakash Manu

प्रकाश मनु बच्चों के चहेते कथाकार हैं। उन्होंने बच्चों के लिए खूब लिखा है- ढेरों गीत, कहानियाँ, जिन्हें बच्चे चाव से पढ़ते और उनके साथ हँसते-गाते, चहकते, खिलखिलाते हैं। ‘इक्यावन बाल कहानियाँ’ में प्रकाश मनु की ढेरों बाल कहानियों में से चुनी हुई इक्यावन रोचक और मनभावन बाल कहानियाँ संजोई गई हैं। और इनका चयन स्वयं लेखक ने किया है। ये ऐसी कहानियाँ हैं जिनमें बच्चे हैं, बच्चों के सुख-दुःख और सपने हैं और उनके छोटे से संसार की बड़ी मुश्किलें भी हैं। सच तो यह है कि इन कहानियों में जीवन का हर रंग, हर छटा और मस्ती है और इन्हें लिखा गया है बेहद चुस्त, सधे, खिलंदड़े अंदाज में। कुछ कहानियों में बच्चों को चुनमुन की नटखट शरारतें, नखरीला अंदाज, खेल और मस्ती की रेल-पेल लुभाएगी तो कुछ में वे अपनी मुश्किलों से निकलने की राह पाएँगे।

‘तितली का घर’ और ‘चींटी ने कहा’ अगर नन्हे-मुन्ने सपनों की कहानियाँ हैं, तो ‘कौवी का घर’, ‘तोता-तोती चले घूमने’, ‘दोस्त राक्षस’, ‘चंदू की छींक’, ‘पुरानी तलवार’ ऐसी कहानियाँ हैं, जिन्हें पढ़कर बच्चे खिल-खिल हँसेंगे। ‘मुनमुनलाल ने बनाई घड़ी’, ‘गंगा दादी जिंदाबाद’, ‘होमवर्क का पहाड़’, ‘मास्टर जी’ कहानियाँ बच्चों के लिए आगे बढ़ने का रास्ता तलाशती हैं, तो ‘कथा कनेरकुमारी की’ जैसी फूलों की सपनीली, सजीली कथाएँ भी हैं। ‘आकू, बाकू और खरगोश’ जैसी खिलंदड़ी कथाएँ तो हैं ही। बच्चे इन्हें पढ़ेंगे तो रमते ही जाएँगे और मजे-मजे में दोस्तों को भी सुनाएँगे। ऐसी हैं ये मनभावन, खिल-खिल हँसाती कहानियाँ।


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